उज्जैन
-4-से 7 दिसम्बर तक अखिल भारतीय हृदय रोग समेलन नई दिल्ली मैं सम्पन्न हुआ । सम्मेलन में वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ विजय गर्ग ने समेलन के वैज्ञानिक सत्र की अध्यक्षता करते हुए कहा की भारत वर्ष मे पिछले 20 वर्षों मे ब्लड प्रेशर वाले मरीज़ो का अनुपात दुगना हो गया है और जवानों मैं भी इसकी बढ़ोतरी तेज़ी से हुई है। जिनको लंबे समय से ब्लड प्रेशर है एवं दवा लेते है एवं डायबिटीज है या दिमाग़ की बीमारिया है उन्हें अपना ब्लड प्रेशर लेट कर एवं खड़े होके भी नपवाना होगा। 2025 की कार्डिएक सोसाइटी की गाइड लाइन के अनुसार हम अपना ब्लड प्रेशर 120/80 रखे तो श्रेष्ठ है। आज कल वाल्व की बीमारिया बिना सर्जरी के भी बदली जा रही है या रिपेयर हो रही है। सम्मेलन के निष्कर्ष
1 वायु प्रदूषण आजकल दिल की बीमारियों के लिए मुख्य खतरा बना हुआ है। वर्तमान मैं एक रिसर्च के अनुसार 20-25 % दिल की बीमारिया ब्लड प्रेशर ,सांस की तकलीफ़, डायबिटीज , प्रदुषण के कारण हो रही है , उसका एक ही निदान है स्कूलों की पड़ाई मैं वायु प्रदूषण का पाठ, शहरों मैं निर्माण कार्य रात मे, वहनो को सही मिश्रण के तेल के साथ चलना एवम इलेक्ट्रिक वाहनो के उपयोग को बढ़ावा देना जरूरी है। सिगरेट एवम अन्य ज्वलनशील पदार्थों का विसर्जन सही तरीके से करना जरूरी है। गाँव मे चूल्हा एवम भट्टी का उपयोग कम से कम करना, उद्योग शहर से दूर स्थापित करना, खेतों की पार्ली को नहीं जलाना, मुख्य तरीके है जिससे प्रदूषण कम किया जा सकता है। उपरोक्त कथन अपने उद्बोधन मैं स्विट्जरलैंड के वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के अध्यक्ष डॉ जगत नरूला ने – नोट स्पीच मैं व्यक्त किए ।
2 *डॉ एरिक टोपल* अमेरिका ने अपने अतिथि उद्बोधन मैं बताया की आजकल रक्त मैं कोलेस्ट्रॉल की जाँच करना जरूरी हो गया है। 70% लोगो को दिल की बीमारियों का एक मुख्य कारण है। इसके लिए हमे रक्त मैं एलडीएल, नॉन एचडीएल, एलपीए, ट्राइग्लिसराइड की जाँच करके नियंत्रण मैं करना होगा। उसके निदान के लिए हमारे पास स्टेटिन एवम एजिटमाइड और इंजेक्शन पीसीएस के 9 आ गए है जो की हर 6 माह मैं लगाये जाते है। बीमारी होने के पहेले जिनको ज़्यादा खतरा है व बाद मैं लंबे समय तक इन दवाइयों को लेना होगा।
3 *डॉ गुदो क्रेसी*, इटली ने बताया की जवानों मैं ज़्यादा दिल की बीमारी एवं अकस्मात मृत्यु, ज़्यादा सिगरेट का चलन, तनाव, आपस मैं प्रति स्पर्धा, मोटापा, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर कम उम्र मैं ज़्यादा होना, कसरत का अभाव, अपर्याप्त नींद, जन्मजात हृदय की बिमारिया, बंद खाद्य पदार्थ का उपयोग, परिवार मैं दिल की बीमारी होना मुख्य कारण है।
4 *डॉ तकाशी आकाशक*, जापान ने बताया कि आजकल एआई से दिल की बीमारियों को जानने समझने और इलाज मैं नयी क्रांति आयी है परंतु इसको अपनाने के पहेले हमे मरीजो को देखना व उसकी कहानी को जानना होगा।
5 *डॉ. वय स चंद्रशेखर*, अमेरिका ने बताया की आजकल दिल की बीमारियों को जानने मै कोरोनरी कैल्शियम, सीटी एंजियो, कार्डियक एमआरआई, कार्डियक सीटी का प्रचलन बेड गया है और वो ज़्यादा उपयोगी हो गए है।सम्मेलन मैं 60 विदेशी जाने माने हृदय रोग विशेषज्ञ एवं देश के 300 हृदय रोग विशेषज्ञ ने अपने विचार रखे। देश के 3700 हृदय रोग चिकित्सकों ने भाग लिया। उज्जैन से डॉ अजय निगम, डॉ सुरेश बेंडवाल, डॉ कविता बेंडवाल अवाम डॉ रजनेश जैन भी सम्मेलन मैं आए ।
